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भारतीय वैदिक तथा धार्मिक ग्रंथो पत्र-पत्रिकाओ, शोध लेखों व पत्रों का संकलन यहां हो | प्राचीन भारतीय साहित्य विज्ञान एवं अध्यात्म से जुड़ा प्राचीन वाडगमय, संस्कृत एवं राष्ट्रीय साहित्य उसका मुद्रण, प्रकाशन की सुचारू व्यवस्था | शोधार्ती छात्र-छात्राओं के लिए शोध पुस्तकालय के साथ ही सर्व सुविधायुक्त अध्ययन केंद्र भी स्थापना करना | इन उद्देश्यों को ध्यान मे रखते हुए यहां वाचनालय की स्थापना की गयी है | .
शिक्षित युवाओं के प्रशिक्षण एवं आवश्यकतानुसार प्रासंगिक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पहचान करना और विकास करना जिससे रोजगार की संभावनाएं बढ़ सकें। राज्य की तकनीकी और स्थानीय ज्ञान की पहचान करना, उन्हें संरक्षित करने और बढ़ावा देना।
युवाओं, महिलाओं और गरीब आबादी के लिए अनेक व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अंतर्गत आयुर्वेदिक चिकित्सा, भूमि एवं जल संरक्षण, बहु-कौशल विकास, मोबाइल की मरम्मत, लेखा, चिनाई, बिजली की वायरिंग, अभिघात प्रबंधन, सामुदायिक रेडियो और बोल-चाल की भाषा से संबंधित व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान किया जाना प्रस्तावित है |
माधव व्यासायिक प्रशिक्षण केन्द्र का लक्ष्य बीच में विद्यापीठ छोड़ने वाले बच्चों, बेसहारा बच्चों, बेरोजगार युवको, किसानों और घरेलू नौकरों को अपने लघु अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षत करना है। सूचना प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण और व्यावसायिक प्रशिक्षण के समग्र संयोजन के लिए यह केन्द्र न्यास द्वारा प्रस्तावित है |
प्रयोगशाला में व्यावहारिक काम करने के लिए हमारे छात्रों के लिए लैब सुरक्षा का एक अच्छा ज्ञान आवश्यक है। छात्र ऐसा करने से प्यार करते हैं और एक महान सौदा सीखने की क्षमता रखते हैं, लेकिन सुरक्षा को पहले आना होगा। यह वैज्ञानिक जांच के सिद्धांत को सिखाने, माप और अवलोकन में छात्र कौशल विकसित करने और छात्रों को प्रेरित करने और संलग्न करने का एक प्रभावी तरीका है। एक अच्छा पहला कदम यह सुनिश्चित कर रहा है कि किसी भी व्यावहारिक गतिविधियां ठीक से और पूरी तरह से गतिविधि से पहले शिक्षक द्वारा जोखिम-मूल्यांकन किया जाता है। शिक्षकों को किसी भी जोखिम को समझने के लिए पाठ से पहले प्रयोग या प्रदर्शन करना चाहिए। सहकर्मियों से सलाह लें; अगर वे समान खतरे के किसी भी बिंदु से अवगत होने से पहले समान व्यवहार करते हैं |
व्यावहारिक कार्य का अभ्यास करते समय, किसी भी उपकरण या गतिविधियों की एक सूची बनाओ जो संभवतः खतरनाक हो सकते हैं और इस बारे में सोचने लगे कि आप अपने छात्रों के लिए यह कैसे सुरक्षित कर सकते हैं। कई रणनीतियों और उपकरणों के टुकड़े हैं जो छात्रों को संभावित नुकसान को कम करने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। यदि कोई ऐसी रणनीति नहीं है जो इस जोखिम को पर्याप्त रूप से कम कर सकती हैं, तो आपको छात्रों को गतिविधि पूरी करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। वैकल्पिक रूप से, एक प्रदर्शन के रूप में व्यावहारिक रूप से आगे बढ़ें, कंप्यूटर सिमुलेशन का उपयोग करें या वीडियो का उपयोग करें यहाँ कुछ रणनीतियों और विचार हैं जो आप प्रयोगशाला के अंदर और बाहर दोनों की सुरक्षा और दूसरों की सुरक्षा के प्रबंधन में एक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए छात्रों के लिए उपयोग कर सकते हैं। प्रयोगशाला में प्रवेश करने से पहले ही छात्रों को अच्छा, सावधान, सुरक्षित वैज्ञानिकों के रूप में इस्तेमाल करना महत्वपूर्ण है। छात्रों को कर्मचारियों के किसी सदस्य के बिना प्रयोगशाला में प्रवेश नहीं करना चाहिए छात्रों को हर समय स्वयं और प्रत्येक दूसरे के बारे में पता होना चाहिए।
शिक्षित युवाओं के प्रशिक्षण एवं आवश्यकतानुसार प्रासंगिक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पहचान करना और विकास करना जिससे रोजगार की संभावनाएं बढ़ सकें। राज्य की तकनीकी और स्थानीय ज्ञान की पहचान करना, उन्हें संरक्षित करने और बढ़ावा देना।
युवाओं, महिलाओं और गरीब आबादी के लिए अनेक व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अंतर्गत आयुर्वेदिक चिकित्सा, भूमि एवं जल संरक्षण, बहु-कौशल विकास, मोबाइल की मरम्मत, लेखा, चिनाई, बिजली की वायरिंग, अभिघात प्रबंधन, सामुदायिक रेडियो और बोल-चाल की भाषा से संबंधित व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान किया जाना प्रस्तावित है |
माधव व्यासायिक प्रशिक्षण केन्द्र का लक्ष्य बीच में विद्यापीठ छोड़ने वाले बच्चों, बेसहारा बच्चों, बेरोजगार युवको, किसानों और घरेलू नौकरों को अपने लघु अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षत करना है। सूचना प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण और व्यावसायिक प्रशिक्षण के समग्र संयोजन के लिए यह केन्द्र न्यास द्वारा प्रस्तावित है |
भाऊसाहब भुस्कुटे स्मृति लोक न्यास गोविन्दनगर का प्रकल्प शरद स्मृति छात्रावास की स्थापना स्व.शरद जी मल्होत्रा प्रांत प्रचारक की स्मृति में 1993 में की गई थी जो सरस्वती ग्रामोदय उ.मा. विद्यालय द्वारा संचालित होता हैं। आरम्भ में 5 बच्चो के साथ शुरुआत के पश्चात आज वर्तमान में 48 भैया अध्ययनरत है जो पूर्ण रुप से विद्याभारती के मार्गदर्षन में शिक्षण का कार्य निरंतर प्राप्त कर रहे है।
शिक्षण
छात्रावास में अध्ययन करने वाले भैयाओ को पूर्ण शिक्षण परिवेश में रखा जाता है। वैसे तो विद्यालय में सम्पूर्ण अध्ययन होता है।इसके अलावा भी नगर से उपस्थित आचार्यो से कोचिंग के माध्यम से गणित, अंग्रेजी, विज्ञान विशयो का शिक्षण प्राप्त होता है। इसके पश्चात साप्ताहिक परीक्षा भी की जाती हैं। जिससे उनका समय समय पर आकलन होता रहता है। परिणाम स्वरुप ओर अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है।
छात्र छात्राएँ जब भी कोई किसी दुर्घटना से ग्रसित हो जाते है या कोई चोट लग जाती है, तो उसके लिए विद्यालय में प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र की सुविधा उपलब्ध है |
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