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विद्यालय - परिचय

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सरस्वती ग्रामोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की वेबसाइट में आपका स्वागत है । हम आशा करते है कि आप अपनी इच्छित सारी सूचनाए इससे पा सकेंगे और यह कि यह वेबसाइट हमारे अद्भुत विद्यालय के जीवन के बारे में एक अंतर्ज्ञान प्रदान करेगा ।

हम सरस्वती शिशु मंदिर के रूप में श्रेष्ठता की प्रतिबद्धता सहित स्तरीय शिक्षा के क्षेत्र में विस्तृत हित रखते हैं । लक्ष्मीपुर में हमारा पहला विद्यालय जो 1969 में प्रारंभ हुआ 48 वर्षों की अवधि में विकसित और शाखान्वित हुआ । सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय वस्तुतः एक खोज का स्थान है । हमारा लक्ष्य सारे बालकों के प्रतिभाओं के विकास उनकी क्षमता तक पहुचने और हमारे साथ उनके बिताए समय को खुशहाल बनाना है । हम उच्चतम गुणवत्ता वाले अधिगम को विद्यालय में प्रदान करने हेतु लगातार परिश्रम करते हैं । एक शिक्षण विद्यालय के रूप में हम समानता शिक्षणात्मक विद्यालय संगठन के माध्यम से प्रशिक्षण और सहारा प्रदान करने में सौभाग्यशाली हैं । साल दर साल विद्यालय ने साक्षरता और बुनियादी अंक ज्ञान के क्षेत्र में उपलब्धियों के उच्च स्तर को अर्जित किया है । पठन, लेखन और गणित के क्षेत्र में राष्ट्रीय अपेक्षाओं पर खरा उतरकर बालक विद्यालय छोड़ते हैं । 

हमारे क्रियाकलाप अनुभवों और अवसरों के एक विस्तृत क्षेत्र को प्रदान करते हुए उत्कृष्ट हैं । बालक विषयक प्रकरणों के माध्यम से उनकी साक्षरता, बुनियादी अंकज्ञान और आई0सी0टी0 कौशलों का अनुप्रयोग सीखते हैं । हमारे पास भवन स्थल पर शिक्षित विशेषज्ञ हैं जो पूरे विद्यालय में उच्च श्रेणी की शारीरिक शिक्षा (पी0ई0) का अध्यापन करते हैं । हमारी विद्यालय पश्चात्ग तिविधियॉं भी शारीरिक और रचनात्मक अनुभवों के एक विस्तृत क्षेत्र को प्रदान करते हैं ।

छात्रों के सर्वागिण विकास , कौशल विकास एवं कृषि की बेहतर शिक्षा के लिए , सरस्वती ग्रामोदय उ. मा. विद्यालय गोविन्दनगर में प्रवेश दिलाकर अपने बच्चे का भविष्य बनाएं|हम भारत के अग्रणी शिक्षण समूह संस्थानों में से एक बन गए हैं, जो हमारे छात्रों को अकादमिक उत्कृष्टता प्रदान करते हैं। यहाँ उन समर्पित शिक्षकों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है, जो कि बाल-केंद्रित गुणात्मक शिक्षा के प्रति उनकी ऊर्जा और संसाधनों को संचालित करने के लिए प्रशिक्षित होते हैं। हम दुनिया भर में मैत्री शिक्षण संस्थानों की स्थापना करके सीमाओं में भी निकल गए हैं।

सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय एक परिचय

सरस्वती शिशु मन्दिर शिक्षण पद्धति का शिक्षा जगत में एक विशिष्ट स्थान है। इसका प्रमुख कारण, यह योजना किसी व्यक्ति विशेष की देन या खोज न होकर एक विचारधारा से आविर्भूत है। यद्यपि इसके प्रादुर्भाव में कतिपय समाजसेवी, देशभक्त महापुरुषों का प्रमुख सहयोग रहा।

1. कम्प्यूटर एवं प्रोजेक्टर के माध्यम से स्मार्ट क्लास, एवं ई-लर्निंग की कक्षाएँ |

2. भारतीय जीवन दर्शन आधारित हिन्दुत्वनिष्ठ एवं राष्टभक्ति से ओतप्रोत शिक्षा व्यवस्था |
3. स्पोकन इंग्लिश की विशेष कक्षाएं संचालित |

4. प्रतिवर्ष देश के प्रमुख एतिहासिक स्थलों कर भ्रमण |

5. प्रधानमंत्री कौशल विकास पहल योजना के अंतर्गत भैय्या-बहिनों को प्रमाण पत्र एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था |

6. “आपका विद्यालय आपके द्वार” के अंतर्गत वार्षिक परीक्षा की तैयारी में चलित (मोबईल) नि:शुल्क कोचिंग क्लासेस |
7. विद्यालय स्तर से अखिल भारतीय (National) स्तर तक SGFI की मान्यता प्राप्त खेलकूद प्रतियोगिताओं में सहभागिता |

हमारी विशेषताएँ

1. एक अच्छी तरह से संतुलित पाठ्यक्रम जो सर्वोत्तम समकालीन शैक्षिक तकनीकों और निजी संवर्धन कार्यक्रमों का एक अद्वितीय संश्लेषण है।

2. उच्चतर अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय संस्थानों में छात्रों के उल्लेखनीय प्लेसमेंट के साथ कक्षा XII और X में उत्कृष्ट परिणाम। हमारे पूर्व छात्र हमारी उपलब्धियों की कहानी बताते हैं।

3. किताबों को पढ़ने में छात्रों के हित को विकसित करने और बढ़ाने के लिए अच्छा पढ़ना कार्यक्रम समावेशी शिक्षा का एक प्रभावी मॉडल का पालन किया जाता है|

4. विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को परामर्शदाताओं और विशेष शिक्षकों की एक शानदार टीम द्वारा विभेदित निर्देशों के साथ-साथ अकादमिक और व्यवहारिक सहायता प्रदान की जाती है।

5. ’’उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत’’ सरस्वती शिशु मन्दिर शिक्षण पद्धति का शिक्षा जगत मे एक विशिष्ट स्थान है। इसका प्रमुख कारण यह योजना किसी व्यक्ति विशेष की देन या खोज न होकर एक विचारधारा से आविर्भूत है। यद्यपि इसके प्रादुर्भाव मे कतिपय समाजसेवी, देशभक्त महापुरुषो का प्रमुख सहयोग रहा। सुयोग्य, सार्थक एवं संस्कारमय शिक्षा ही किसी राष्ट्र के निर्माण और प्रगति का सर्वोत्तम प्रभावी और एकमात्र साधन है।

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विद्या ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम्। पात्रत्वाद्धनमाप्नोति धनाद्धर्मं ततः सुखम्॥

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